
मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को एक नया आधार ऐप (Aadhaar app) लॉन्च किया है, जो भारतीय नागरिकों के लिए पहचान सत्यापन को आसान, तेज़ और सुरक्षित बना देगा। यह ऐप फेस आईडी और क्यूआर कोड आधारित वेरिफिकेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है।
क्या है नया आधार ऐप?
यह नया मोबाइल ऐप UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के सहयोग से विकसित किया गया है। इसमें रीयल-टाइम फेस आइडेंटिफिकेशन, क्यूआर कोड स्कैनिंग, और AI आधारित प्राइवेसी प्रोटेक्शन जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। इसका उद्देश्य नागरिकों को अपनी पहचान साझा करने के पारंपरिक तरीकों से मुक्ति दिलाना है।
कैसे करेगा ये ऐप आपकी पहचान को सुरक्षित?
- अब होटल में चेक-इन करते समय, यात्रा के दौरान, या किसी भी सेवा के लिए फोटो कॉपी देने की आवश्यकता नहीं होगी।
- व्यक्ति केवल एक क्यूआर कोड स्कैन करेगा, और ऐप उसके फेस आईडी से पहचान की पुष्टि करेगा।
- पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी और उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना कोई भी डेटा साझा नहीं होगा।
- आधार कार्ड की जानकारी अब केवल वहीं साझा होगी जहाँ आवश्यक है – जिससे डेटा गोपनीयता बनी रहेगी।
आधार (Aadhaar) और UIDAI की संगठनात्मक संरचना
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) एक वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा जनवरी 2016 में की गई थी। यह संस्था इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य करती है और इसे आधार (लक्षित सेवाओं, लाभों और सब्सिडी की डिलीवरी) अधिनियम, 2016 के अंतर्गत स्थापित किया गया था।
UIDAI का मुख्यालय (मुख्य कार्यालय) नई दिल्ली में स्थित है, और इसके देशभर में आठ क्षेत्रीय कार्यालय (Regional Offices) हैं। इसके अलावा, UIDAI के दो डेटा सेंटर भी हैं — एक हेब्बाल, बेंगलुरु (कर्नाटक) में और दूसरा मानेसर, गुरुग्राम (हरियाणा) में।
UIDAI ने सितंबर 2010 में पहला आधार नंबर जारी किया था। तब से इसका उद्देश्य है कि भारत के प्रत्येक निवासी को एक विशिष्ट 12-अंकों का आधार नंबर प्रदान किया जाए, जो इतना मजबूत हो कि डुप्लिकेट या नकली पहचान को समाप्त कर सके। साथ ही, यह नंबर कहीं भी, कभी भी, ऑनलाइन, आसानी से और कम लागत में सत्यापित और प्रमाणित किया जा सके।
16 दिसंबर 2010 को भारत सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि UIDAI द्वारा जारी पत्र जिसमें व्यक्ति का नाम, पता और आधार संख्या अंकित हो, उसे एक मान्य और आधिकारिक दस्तावेज माना जाएगा।
क्या है आधार कार्ड (Aadhaar Card) ?
आधार (Aadhaar) एक बारह-अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है, जो भारत के सभी निवासियों को स्वेच्छा से प्राप्त की जा सकती है। यह संख्या व्यक्ति की बायोमेट्रिक (जैसे: अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन) और जनसांख्यिकीय जानकारी (जैसे: नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता) के आधार पर दी जाती है। इन जानकारियों को UIDAI द्वारा सुरक्षित रूप से एकत्र और संग्रहीत किया जाता है।
क्या-क्या फायदे होंगे इस ऐप के?
- 100% डिजिटल पहचान सत्यापन, जो बिल्कुल UPI पेमेंट जितना आसान होगा।
- फिजिकल आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी रखने की ज़रूरत नहीं।
- हर स्थान पर होंगे ‘प्वाइंट ऑफ ऑथेंटिकेशन’, जैसे दुकानें, होटल या कार्यालय, जहाँ QR कोड के माध्यम से पहचान संभव होगी।
- डेटा शेयरिंग पर पूर्ण नियंत्रण – उपयोगकर्ता तय करेगा कि कौन-सी जानकारी किसके साथ साझा करनी है।
फ्यूचर में क्या होगा?
यह ऐप अभी बीटा परीक्षण में है, लेकिन जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। भविष्य में, जिस तरह से हर दुकान पर UPI क्यूआर कोड दिखाई देते हैं, वैसे ही आधार वेरिफिकेशन क्यूआर कोड भी आम हो जाएंगे।
निष्कर्ष:
नया आधार ऐप भारत को एक स्मार्ट डिजिटल समाज की ओर ले जा रहा है, जहाँ पहचान साझा करना न केवल आसान बल्कि सुरक्षित भी होगा। अब आधार की पहचान भी उतनी ही तेज़ और सुविधाजनक होगी जितनी कि UPI पेमेंट – एक स्कैन और हो गया काम!
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