सोमवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के लिए काली साबित हुई। वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली, अमेरिका में मंदी की आशंका और व्यापारिक तनाव के चलते निवेशकों की भावनाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। इसका असर सीधे तौर पर घरेलू बाजारों पर पड़ा और सेंसेक्स और निफ्टी में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली।
बीएसई सेंसेक्स आज सुबह 9:16 बजे 3,072 अंकों की भारी गिरावट के साथ 72,296 पर खुला। वहीं, निफ्टी 1,146 अंक गिरकर 21,758 पर पहुंच गया। यह अब तक की सबसे बड़ी शुरुआती गिरावटों में से एक है। इस भारी गिरावट के कारण निवेशकों की लगभग 19 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति बाजार से साफ हो गई।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट
बाजार की गिरावट सिर्फ कुछ शेयरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स पर छा गई। निफ्टी मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा 8% की गिरावट आई, जबकि निफ्टी आईटी इंडेक्स 7% से ज्यादा टूट गया। इसके अलावा, ऑटो, रियल्टी और ऑयल & गैस सेक्टर भी 5% से ज्यादा गिर गए।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप निवेशकों को बड़ा झटका
ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो स्मॉल-कैप स्टॉक्स में करीब 10% की गिरावट आई, जबकि मिड-कैप स्टॉक्स में 7.3% की गिरावट दर्ज की गई। इससे छोटे और मध्यम निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
ग्लोबल फैक्टर बना गिरावट की बड़ी वजह
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में आई तेज गिरावट है। अमेरिका में बढ़ती मंदी की आशंका और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक तनाव ने निवेशकों को जोखिम लेने से पीछे हटा दिया। विदेशी निवेशक भी भारी बिकवाली कर रहे हैं, जिससे घरेलू बाजार पर दबाव और बढ़ गया है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय धैर्य और सतर्कता की जरूरत है। लॉन्ग टर्म निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बाजार में इस तरह की गिरावटें अवसर भी ला सकती हैं, बशर्ते निवेश सोच-समझ कर किया जाए।
शेयर बाजार की इस ऐतिहासिक गिरावट ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि जोखिम और रिटर्न साथ-साथ चलते हैं।
Follow Josh Studies WhatsApp Channel
Follow Josh Studies Telegram Channel