
भारत की चाय उद्योग के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि का समय है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन गया है। इसने एक प्रमुख देश को पीछे छोड़ते हुए यह स्थान हासिल किया है, जबकि शीर्ष स्थान पर अभी भी एक अन्य देश बना हुआ है।
चाय निर्यात में भारत की सफलता
निर्यात में तेज़ी
भारत ने 2024 में लगभग 254 मिलियन किलोग्राम चाय का निर्यात किया, जो 2023 की तुलना में अधिक है। इससे पहले, 2018 में भारत ने सबसे अधिक चाय निर्यात किया था। इस साल का प्रदर्शन उस रिकॉर्ड के करीब रहा है।
आर्थिक लाभ
इस बढ़े हुए निर्यात से ₹7,112 करोड़ की कमाई हुई, जो उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पिछले कुछ वर्षों में भारत का चाय निर्यात 200-225 मिलियन किलोग्राम के बीच रहा है, लेकिन इस साल इसमें उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
सफलता के पीछे मुख्य कारण
सरकारी योजनाएँ और समर्थन
सरकार ने चाय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियाँ लागू की हैं। विशेष रूप से एक प्रकार की चाय उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाई गई हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चाय की माँग बढ़ी है।
विशेष चाय की बढ़ती माँग
भारत की चाय का एक विशेष प्रकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत पसंद किया जा रहा है। इसकी गुणवत्ता और स्वाद की वजह से कई देशों में इसकी माँग बढ़ी है।
भविष्य की संभावनाएँ
भारत हर साल लगभग 1,400 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन करता है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा देश में ही खपत होता है। हाल के निर्यात में वृद्धि से उम्मीदें बढ़ी हैं कि आने वाले वर्षों में भारत नए बाजारों तक पहुँचेगा और गुणवत्ता को और बेहतर बनाएगा।
चाय निर्यात की तुलना (2023 बनाम 2024)
वर्ष | चाय निर्यात (Mkg) | विश्व रैंक | प्रमुख प्रतिस्पर्धी | राजस्व (₹ करोड़) |
2023 | 231 | तीसरा | एक अन्य देश | जानकारी उपलब्ध नहीं |
2024 | 254 | दूसरा | शीर्ष देश | 7,112 |
निष्कर्ष
भारत की चाय उद्योग ने कठिनाइयों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। बेहतर सरकारी योजनाओं, उच्च गुणवत्ता और बढ़ती माँग के कारण भारत ने यह मुकाम हासिल किया है। भविष्य में, यह उद्योग और अधिक ऊँचाइयाँ छू सकता है।
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