Meta की मुसीबतें शुरू! क्या Instagram-WhatsApp अलग हो जाएंगे?

Meta की मुसीबतें शुरू! क्या Instagram-WhatsApp अलग हो जाएंगे?

क्या Meta (Facebook) को गैरकानूनी एकाधिकार (illegal monopoly) के लिए तोड़ा जा सकता है? अमेरिका में शुरू हुआ यह ऐतिहासिक ट्रायल सिर्फ एक कंपनी का मामला नहीं है, बल्कि यह तकनीक की दुनिया में भविष्य की दिशा तय कर सकता है।

मामला क्या है?

अमेरिका की Federal Trade Commission (FTC) और 48 राज्यों के अटॉर्नी जनरल्स ने Meta के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया है। इनका आरोप है कि Meta—जिसमें Facebook, Instagram, WhatsApp जैसी लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं—ने बाजार में अनुचित दबदबा बना लिया है, जिससे प्रतियोगिता को नुकसान हुआ है।

FTC का कहना है कि Meta ने अपने प्रतिस्पर्धियों को उभरने से पहले ही खरीदकर खत्म कर दिया, जैसे:

  • 2012 में Instagram का अधिग्रहण ($1 बिलियन)
  • 2014 में WhatsApp का अधिग्रहण ($19 बिलियन)

ट्रायल में क्या चल रहा है?

Meta के CEO Mark Zuckerberg इस ट्रायल में गवाही दे चुके हैं। मुकदमे के दौरान, FTC ने एक पुरानी ईमेल को उद्धृत किया जिसमें ज़ुकरबर्ग ने लिखा था:

“Instagram seems like it’s growing really quickly. If it gets to a large scale, it could be very disruptive to us.” (“Instagram काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। अगर हमने अभी कुछ नहीं किया, तो ये हमें टक्कर दे सकता है।”)

इस बयान से यह संकेत मिलता है कि Meta ने Instagram को एक खतरे के रूप में देखा और उसे खरीदकर खत्म किया।

FTC का तर्क है कि Meta का यह व्यवहार सोशल मीडिया बाजार में एकाधिकार (monopoly) स्थापित करने की रणनीति का हिस्सा है।

Meta का बचाव

Meta ने कोर्ट में यह तर्क दिया है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में नवाचार तेज़ होता है और प्रतिस्पर्धा कभी भी खत्म नहीं होती। Zuckerberg ने कहा कि उनके प्लेटफॉर्म्स “डिस्कवरी और एंटरटेनमेंट” पर केंद्रित हैं, और बाजार में TikTok, YouTube Shorts, Snapchat जैसे प्रतिद्वंद्वी भी काफी लोकप्रिय हैं।

Meta का मानना है कि यूज़र का जुड़ाव (engagement) एकाधिकार नहीं, बल्कि इनोवेशन की जीत है।

क्या होगा असर?

अगर अदालत FTC के पक्ष में फैसला देती है, तो इसका मतलब होगा कि:

  • Meta को Instagram और WhatsApp से अलग करना पड़ सकता है।
  • तकनीकी दिग्गजों के लिए एक नया मानक स्थापित हो जाएगा।
  • वैश्विक टेक कंपनियों के अधिग्रहण पर ज्यादा कानूनी निगरानी होगी।

यह मामला वैसा ही ऐतिहासिक साबित हो सकता है जैसा 1980 के दशक में AT&T को तोड़े जाने का केस था।

Meta पर चल रहा यह ट्रायल केवल एक कंपनी का मामला नहीं है—यह पूरी डिजिटल दुनिया के भविष्य का रास्ता तय कर सकता है। अगर Meta को विभाजित किया जाता है, तो यह बाकी तकनीकी कंपनियों के लिए एक कड़ा संकेत होगा कि अब “बिग टेक” पर लगाम कसने का समय आ गया है।

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