
Operation Olivia
पर्यावरण संरक्षण और समुद्री जीवन की रक्षा की दिशा में भारत ने एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन ओलिविया (Operation Olivia) के तहत इस साल फरवरी 2025 में ओडिशा के रुशिकुल्या तट पर 6.98 लाख ओलिव रिडले समुद्री कछुओं को सुरक्षित रूप से अंडे देने में मदद मिली। यह संख्या अब तक की सबसे बड़ी है और यह दर्शाती है कि सही निगरानी और सामुदायिक भागीदारी से हम प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं।
ऑपरेशन ओलिविया (Operation Olivia) क्या है?
ऑपरेशन ओलिविया की शुरुआत 1980 के दशक में की गई थी। यह अभियान हर साल नवंबर से मई के बीच चलाया जाता है और इसका उद्देश्य ओलिव रिडले कछुओं को सुरक्षित प्रजनन स्थल प्रदान करना है, विशेषकर:
- गहीरमाथा समुद्री अभयारण्य
- रुशिकुल्या नदी मुख
- देवी नदी मुख
ये तटीय क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े कछुआ प्रजनन स्थलों में गिने जाते हैं, जहां हर साल 8 लाख से अधिक कछुए अंडे देने आते हैं।
कैसे करता है ICG कछुओं की रक्षा?
इस साल के अभियान के दौरान ICG ने बड़े पैमाने पर निगरानी अभियान चलाए:
- 5,387 सतही गश्त (Surface Patrols)
- 1,768 हवाई निगरानी उड़ानें (Aerial Surveillance)
- 366 अवैध मछली पकड़ने वाली नौकाओं को रोका गया
इसके अलावा, मछुआरों को Turtle Excluder Devices (TEDs) के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया, ताकि जाल में फंसने से कछुओं की मौत रोकी जा सके।
स्थानीय समुदायों और NGO का सहयोग
ऑपरेशन ओलिविया सिर्फ निगरानी तक सीमित नहीं है। ICG ने:
- स्थानीय मछुआरा समुदायों को जागरूक किया
- NGOs के साथ MoUs साइन किए
- संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को पर्यावरण शिक्षा दी
यह सामूहिक प्रयास कछुओं की सुरक्षा के साथ-साथ मछुआरों की आजीविका को भी ध्यान में रखता है।
ओलिव रिडले कछुए क्यों हैं खास?
- IUCN की रेड लिस्ट में “असुरक्षित (Vulnerable)” प्रजाति
- भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में संरक्षित
- सामूहिक अंडा देने की प्रक्रिया “अरिबाडा” दुनिया में दुर्लभ मानी जाती है
इनकी सुरक्षा सिर्फ एक प्रजाति की रक्षा नहीं, बल्कि पूरे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने की दिशा में एक कदम है।
निष्कर्ष: प्रकृति की रक्षा, देश की प्रगति
ऑपरेशन ओलिविया इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार, सुरक्षा एजेंसियां, और सामान्य लोग एक साथ आते हैं, तो हम न केवल पर्यावरण को बचा सकते हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और समृद्ध धरती छोड़ सकते हैं।
- क्या आप जानते हैं कि ओलिव रिडले कछुए हर साल हजारों किलोमीटर तैरकर एक ही तट पर लौटते हैं अंडे देने? प्रकृति का यह चमत्कार सचमुच प्रेरणादायक है.