जापान ने बनाया दुनिया का पहला 3D-प्रिंटेड रेलवे स्टेशन, सिर्फ़ 6 घंटे में निर्माण पूरा

जापान ने बनाया दुनिया का पहला 3D-प्रिंटेड रेलवे स्टेशन, सिर्फ़ 6 घंटे में निर्माण पूरा

जापान ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए दुनिया का पहला 3D-प्रिंटेड रेलवे स्टेशन तैयार किया है, जिसे केवल 6 घंटे में बना दिया गया। यह नया हात्सुशिमा स्टेशन वाकायामा प्रीफ़ेक्चर के अरिदा शहर में स्थित है और यह 1948 से चल रहे पुराने लकड़ी के स्टेशन की जगह ले रहा है।

निर्माण की नई दिशा

इस स्टेशन का निर्माण जापान की वेस्ट जापान रेलवे कंपनी (JR वेस्ट) और निर्माण तकनीक में माहिर Serendix नामक कंपनी के सहयोग से किया गया। 3D प्रिंटिंग की मदद से तैयार किए गए प्रीफैब्रिकेटेड हिस्सों को सिर्फ़ कुछ घंटों में जोड़कर पूरा ढांचा खड़ा कर दिया गया। इस प्रक्रिया से लागत कम हुई, श्रम की ज़रूरत घटी और ट्रेन सेवाओं में भी कोई बड़ी रुकावट नहीं आई—जो कि जापान जैसी वृद्ध होती जनसंख्या वाले देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रमुख तथ्य:

  • स्थान: अरिदा सिटी, वाकायामा प्रीफ़ेक्चर
  • स्टेशन का नाम: हात्सुशिमा स्टेशन
  • निर्माणकर्ता: JR वेस्ट व Serendix
  • निर्माण समय: 6 घंटे से भी कम
  • निर्माण की अवधि: रात 11:57 बजे आखिरी ट्रेन के बाद शुरू होकर सुबह 5:45 बजे पहली ट्रेन से पहले समाप्त
  • आकार: लगभग 100 वर्ग फीट
  • सामग्री: कुमामोटो प्रीफ़ेक्चर में 7 दिनों में 3D प्रिंट कर तैयार किए गए हिस्से, जिन्हें कंक्रीट से मजबूत किया गया
  • परिवहन: 804 किमी की दूरी तय कर, क्यूशू द्वीप से अरिदा तक लाए गए और क्रेनों की मदद से जोड़े गए

स्टेशन की पृष्ठभूमि:

  • पुराना लकड़ी का स्टेशन 1948 में बना था।
  • 2018 से यह स्टेशन पूरी तरह से ऑटोमेटेड है और रोज़ाना लगभग 530 यात्री इसका उपयोग करते हैं।
  • यह एक सीमित लाइन पर स्थित है, जहाँ हर घंटे 1 से 3 ट्रेनें चलती हैं।

आगे की योजना:

  • वर्तमान में टिकट मशीन और IC कार्ड रीडर जैसी अंतिम सुविधाओं को स्थापित किया जा रहा है।
  • नया स्टेशन जुलाई 2025 में पूरी तरह चालू हो जाएगा।
  • तकनीकी क्रांति और भविष्य की झलक:

यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि कैसे 3D प्रिंटिंग तकनीक ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में तेज़, किफायती और प्रभावी निर्माण का विकल्प बन सकती है।

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