
अफ्रीका महाद्वीप पृथ्वी का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसका कुल क्षेत्रफल 30065000 वर्ग किमी0 हैं. इस महाद्वीप का भू-भाग विश्व का 20.2 प्रतिशत हैं. यह महाद्वीप उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध दोनों में फैला हुआ है. इस महाद्वीप में 54 संप्रभु देश हैं। इस आर्टिकल में अफ्रीका महाद्वीप के भूगोल, देश, नदियाँ व इसके प्रमुख तथ्य को विस्तृत विवरण दी गई है।
अफ्रीका महाद्वीप का भूगोल
अफ्रीका महाद्वीप का क्षेत्रफल लगभग 30.65 मिलियन वर्ग किलोमीटर है, जो पृथ्वी की कुल भूमि का लगभग 20.2% है। अफ्रीका की जनसंख्या लगभग 1.4 बिलियन है, जो इसे एशिया के बाद सबसे अधिक जनसंख्या वाला महाद्वीप बनाता है।
अफ्रीका महाद्वीप एक मात्र ऐसा महाद्वीप हैं जिससे होकर विषुवत वृत्त, कर्क वृत्त तथा मकर वृत्त गुजरते हैं. इसके साथ ही यह एकमात्र महाद्वीप हैं जिसका क्षेत्र चारों गोलार्द्ध में पड़ता है. पुर्व में एशिया महाद्वीप, उत्तर में यूरोप, पश्चिम में अटलांटिक महासागर हैं. अफ्रीका महाद्वीप एशिया महाद्वीप से स्वेज स्थलसंधि से जुड़ा हुआ है. अफ्रीका महाद्वीप का सबसे उत्तरी बिंदु “एल-घिराम पॉइंट’ (ट्युनिसिया) तथा दक्षिणतम बिंदु केप अगुलहास (दक्षिण अफ्रीका) हैं.
अफ्रीका चार मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
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- उत्तरी अफ्रीका: इसमें सहारा रेगिस्तान और नील नदी का विशाल क्षेत्र शामिल है।
- पश्चिमी अफ्रीका: यहाँ सवाना घास के मैदान और नाइजर नदी प्रमुख हैं।
- पूर्वी अफ्रीका: यह क्षेत्र ग्रेट रिफ्ट वैली के कारण जाना जाता है और यहाँ किलिमंजारो पर्वत स्थित है।
- दक्षिणी अफ्रीका: इसमें कालाहारी और नामिब रेगिस्तान शामिल हैं.
अफ्रीका महाद्वीप की भौगोलिक विशेषताएँ
सहारा रेगिस्तान: सहारा दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है, जो लगभग 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह उत्तरी अफ्रीका के अधिकांश भाग को कवर करता है और इसमें माली, मिस्र, अल्जीरिया, सूडान जैसे देश शामिल हैं।
सवाना घास के मैदान: सवाना क्षेत्र अफ्रीका के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में स्थित है। यह विशाल घास के मैदानों का क्षेत्र है, जहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीवन जैसे कि शेर, हाथी, गैंडा, ज़ेबरा, और चीता पाए जाते हैं।
किलिमंजारो पर्वत: यह अफ्रीका का सबसे ऊँचा पर्वत है, जिसकी ऊँचाई 5,895 मीटर है। यह तंजानिया में स्थित है और एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है।
ग्रेट रिफ्ट वैली: यह पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक विशाल भौगोलिक दरार है, जो जॉर्डन घाटी से लेकर मोज़ाम्बिक तक फैली हुई है। यह क्षेत्र ज्वालामुखीय गतिविधियों और भूकंपों के लिए जाना जाता है।
कांगो वर्षावन: यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वर्षावन है, जो अफ्रीका के मध्य भाग में स्थित है।
अफ्रीका महाद्वीप के देश
अफ्रीका महाद्वीप में कुल 54 देश हैं. इस महाद्वीप के सबसे बड़ा देश अल्जीरिया हैं. अफ्रीका महाद्वीप का 75% धरातल का निर्माण प्रीकेम्ब्रियन युगीन चट्टानों से हुआ हैं.
अफ्रीका महाद्वीप की प्रमुख नदियाँ
अफ्रीका महाद्वीप में कई प्रमुख नदियाँ हैं जो यहाँ की जीवनरेखा मानी जाती हैं। ये नदियाँ सिंचाई, पेयजल, परिवहन और जल विद्युत उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अफ्रीका की कुछ प्रमुख नदियों का विवरण निम्नलिखित है:
नील नदी
- लंबाई: 6,690 किलोमीटर
- उद्गम: यह नदी पूर्वी अफ्रीका के विक्टोरिया झील से निकलती है और भूमध्य सागर में गिरती है।
- प्रमुख देश: नील नदी सूडान, इथियोपिया, युगांडा, और मिस्र से होकर बहती है।
- महत्व: नील नदी दुनिया की सबसे लंबी नदी है और इसे मिस्र की सभ्यता का आधार माना जाता है। मिस्र की अधिकांश आबादी नील नदी के किनारे ही बसती है. नील नदी पर अस्वान बांध, ब्लू नील पर सोंनरबांध एवं श्वेत नील पर ओवन बांधबना हुआ है.
कांगो नदी
- लंबाई: 4,701 किलोमीटर
- उद्गम: यह नदी अफ्रीका के मध्य भाग में स्थित कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य से निकलती है।
- प्रमुख देश: कांगो नदी कांगो, अंगोला, और कैमरून जैसे देशों से होकर बहती है।
- महत्व: कांगो नदी दुनिया की सबसे गहरी नदी है, जिसकी गहराई 220 मीटर तक जाती है। यह नदी विषुवत रेखा को दो बार काटती हैं एवं स्टान्ली और लिविंग जल प्रपातों का निर्माण करती हैं.
नाइजर नदी
- लंबाई: 4,180 किलोमीटर
- उद्गम: यह नदी गिनी से निकलती है और नाइजीरिया में डेल्टा क्षेत्र से होकर अटलांटिक महासागर में गिरती है।
- नाइजर नदी अफ्रीका की तीसरी सबसे बड़ी नदी (4184) किमी०) है। (बेन्यू इसकी सहायक नदी हैं। गिनी से निकलकर यह नदी गिनी की खाड़ी में गिरती है। कैजीबांध इसी नदी पर अवस्थित है।
अन्य नदियाँ
- लिम्पोपो नदी दक्षिण अफ्रीका एवं जिम्बाम्बे की सीमा बनाती है। यह ट्रांसवेल क्षेत्र से निकलकर मकर रेखा को काटते हुए हिन्द महासागर में गिरती है।
- वाल नदी, आरेन्ज नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- जाम्बेजी नदी पर स्थित विक्टोरिया जल प्रपात अपनी ऊँचाई, जल विद्युत उत्पादन एवं करीबा बाँध के लिए सुप्रसिद्ध है।
- सेनेगल नदी गिनी की पहाड़ी से निकलकर सेनेगल एवं मारितानिया की सीमा बनाती हुई अटलांटिक महासागर में गिरती है।
- बोल्टा नदी गिनी की खाड़ी में गिरती है।
- चारी नदी गुविंगुई एवं बंर्मिगगुई नदियों के संगम से निर्मित अन्तःप्रवाह वाली सबसे लम्बी नदी है। अंततः यह चाड झील में समाहित हो जाती है।
अफ्रीका की 5 सबसे बड़ी झीलें (5 Largest Lakes)
अफ्रीका की 5 सबसे बड़ी झीलें (5 Largest Lakes) |
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नाम व अवस्थिति | क्षेत्रफल (वर्ग किलो मी0) |
विक्टोरिया झील ( युगांडा-केन्या-तंज़ानिया ) | 69484 |
टेंगानिका झील (कांगों-तंज़ानिया ) | 32900 |
न्यासा झील (मलावी-मोजाम्बिक-तंज़ानिया ) | 22490 |
चाड झील (चाड) | 17800 |
नासिर झील (मिस्र) | 12900 |
अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख पठार
अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख पठार |
विशेष |
अबीसीनिया का पठार | इथियोपिया में, लावा निर्मित कॉफ़ी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध |
सोमाली पठार | इथियोपिया उच्चभूमि के पूरब में |
जोस पठार | टिन भंडार के लिए प्रसिद्ध |
कटंगा पठार | यह तांबा व हीरा के विख्यात हैं, यहाँ से कांगो एवं जायरे नदियां निकलती है |
टंगानिका पठार | तंज़ानिया में स्थित हैं |
बाई का पठार | अंगोला में स्थित है |
अदामावा का पठार | नाइजिरिया व कैमोरून की सीमा पर स्थित हैं |
अफ्रीका महाद्वीप के मुख्य बहूद्धेशीय बांध
अफ्रीका के मुख्य बहूद्धेशीय बांध | |
बांध | विशेष |
अस्वान बांध | मिस्र में नील नदी पर बना हुआ है |
करीबा बांध | जाम्बेजी नदी पर बना हुआ है |
कैंजी बांध | नाइजार नदी पर |
सेन्नार बांध | सूडान में नील नदी पर |
अफ्रीका महाद्वीप का तटीय रेखा (Coast)
अफ्रीका महाद्वीप का तटीय रेखा (Coast) | |
तटीय रेखा (Coast) | देश |
खाद्यान्न तटीय रेखा (Grain Coast) | सिएरा लियोन एवं लाईबेरिया |
आइवरी तटीय रेखा (Ivory Coast) | आइवरी कोस्ट |
स्वर्ण तटीय रेखा ( Gold Coast ) | घाना |
दास तटीय रेखा (Slave Coast ) | टोगो,बेनिन एवं नाइजिरिया |
अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख मरुस्थल
- साहिल मरुभूमि क्षेत्र सहारा के दक्षिणी सीमा पर पश्चिम से पूर्व केपवाई सेनेगल से सूडान तक विस्तृत हैं
- कालाहारी मरुस्थल- दक्षिणी अफ्रीका व बोत्सवाना में विस्तार हैं.
- अफार डिप्रेसन एक गर्म मरुस्थल हैं, यह लाल सागर, अदन की खाड़ी व अफ्रीका की महान भ्रंश घाटी के संगम पर स्थित है.
- नुम्बियान मरुस्थल सूडान में हैं
- कारू रेगिस्थान एक अर्ध मरुस्थलीय पठार हैं
- क़तर डिप्रेसन एक मरुस्थल हैं एवं यह मिस्र में हैं
- सहारा मरुस्थल- संसार का सबसे बड़ा रेगिस्थान हैं.
अफ्रीका के प्रमुख पर्वत
प्रमुख पर्वत | अवस्थति |
माउन्ट कैमरून | अफ्रीका का एक मात्र सक्रीय ज्वालामुखी पर्वत है |
एटलॉस पर्वत | मोरक्को-अल्जीरिया-ट्युनिसिया |
माउन्ट किलिम्जारों | मृत ज्वालामुखी पर्वत है, तंज़ानिया में हैं |
कटंगा पर्वत | कांगो के है |
माउंट एल्गन | युगांडा की सीमा पर हैं |
माउन्ट सिनाई | मिस्र |
रीफ पर्वत | मोरक्को |
ड्रेकंसवर्ग पर्वत | दक्षिण अफ्रीका में |
अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख तथ्य
- अफ्रीका का आइवरी कोस्ट विश्व में सर्वाधिक कोको उत्पादक देश हैं (UPSC CSE 2024)
- बोत्स्वाना व कांगो हीरा उत्पादक देश हैं.
- नाइजिरिया विश्व का सर्वाधिक ज्वार उत्पादित करने वाला देश हैं
- अफ्रीका के भूमध्यरेखीय झील क्षेत्र में सम्मलित झीलें – टूकारना, एल्बर्ट, टेंगानिका और न्यास हैं (UPSC)
- गिनी सर्वाधिक बॉक्साईट उत्पादन करने वाला देश हैं
- नाइजार नदी को पाम तेल की नदी कहते हैं.
- हॉर्न ऑफ अफ्रीका में इथिओपिया, जिबूती, एरिट्रिया व सोमालिया सम्मलित हैं
- दक्षिण अफ्रीका के नेटाल क्षेत्र को मक्का का त्रिभुज कहा जाता हैं. (UPSC)
- दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसवाल क्षेत्र सोना उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं, यहाँ किम्बर्लें की खान हीरा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं.
- सवाना प्रदेश की मुख्य फसल मक्का हैं
- विश्व का सर्वाधिक कोबाल्ट कांगो जायरे के कटंगा क्षेत्र में मिलता हैं.
- बारबरी स्टेटस- मोरक्को-ट्युनिसिया-अल्जीरिया के उत्तरी भाग को कहा जाता हैं (UPSC)
- ट्युनिसिया सर्वाधिक जैतून उत्पादित करने वाला देश हैं
- जायरे(कांगो) का कटंगा प्रदेश तांबा भण्डार हेतु प्रसिध हैं.
- अफ्रीका माईनर में मोरोक्को-अल्जीरिया-व ट्युनिसिया शामिल हैं.
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