
SpaceX ने फिर रचा इतिहास: मई 20, 2025 की रात (USA Time Zone), SpaceX ने एक और कामयाब मिशन को अंजाम देते हुए 23 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा। खास बात यह रही कि 24 घंटे पहले तकनीकी कारणों से टली लॉन्चिंग को बेहद सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
SpaceX: क्या था इस बार का पेलोड?
इस बार Falcon 9 रॉकेट के भीतर 23 स्टारलिंक सैटेलाइट्स भेजे गए, जिनमें से 13 सैटेलाइट्स “डायरेक्ट-टू-सेलफोन कनेक्टिविटी” से लैस थे। इसका मतलब है कि अब बिना मोबाइल टावर के भी फोन में नेटवर्क मिल सकेगा — यानी स्पेसएक्स अब पारंपरिक टेलिकॉम को चुनौती देने आ गया है.
फाल्कन 9: स्पेसएक्स बेड़े में नया रॉकेट
- रॉकेट लॉन्च स्थान: केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन
- लॉन्च समय: रात 11:19 बजे EDT (21 मई को 03:19 GMT)
- बूस्टर नंबर: B1095
- यह था इसका पहला उड़ान और पहला लैंडिंग मिशन
- इस बूस्टर के साथ, 2025 में स्पेसएक्स के लॉन्च फ्लीट में यह चौथा नया फाल्कन 9 जुड़ चुका है।
पिछली लॉन्च क्यों हुई थी रद्द?
सोमवार को निर्धारित पहली लॉन्च को T-2 मिनट 28 सेकंड पर रोकना पड़ा था। यह गिनती के अंतिम पलों में आई एक तकनीकी खामी के चलते हुआ था।
मिशन की बड़ी उपलब्धियाँ
- फाल्कन 9 बूस्टर का पहला उड़ान और सफल लैंडिंग
- 121वीं बार ड्रोन शिप “Just Read the Instructions” पर सफल लैंडिंग
- स्पेसएक्स द्वारा की गई कुल 449वीं बूस्टर रिकवरी
निष्कर्ष
स्पेसएक्स की यह लॉन्च न केवल तकनीकी रूप से अद्भुत रही, बल्कि भविष्य की दूरसंचार क्रांति की नींव भी रखती है। डायरेक्ट-टू-सेलफोन सैटेलाइट्स से जुड़े इस मिशन ने यह साबित कर दिया कि एलन मस्क की कंपनी केवल रॉकेट नहीं, बल्कि संचार का भविष्य भी बना रही है।
अगर आप भी स्पेस और टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी रखते हैं, तो इस ऐतिहासिक मिशन पर अपनी राय ज़रूर दें.
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