
भारत की रक्षा निर्माण यात्रा ने 11 मई 2025 को एक अहम कदम बढ़ाया, जब लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया गया। ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा स्थापित इस अत्याधुनिक इकाई में ₹300 करोड़ का निवेश किया गया है, जहां अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा।
हाल ही में पाकिस्तान में ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) द्वारा किए गए सटीक हमलों ने वैश्विक सुरक्षा विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है। चाहे जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर्स हों, लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने या प्रमुख एयरबेस—हर जगह ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत का असर देखा गया है। अमेरिकी और यूरोपीय विशेषज्ञ सैटेलाइट इमेज और डेटा के माध्यम से इस अभियान की विस्तार से समीक्षा कर रहे हैं।
ब्रह्मोस (BrahMos Missile): दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस एक यूनिक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। इसकी गति 2.8 से 3 मैक तक पहुंचती है और यह लैंड, सी और एयर—तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकती है। यह इसे एक “यूनिवर्सल प्रिसीजन स्ट्राइक मिसाइल” बनाती है।
BrahMos Missile: प्रमुख तथ्य
संयुक्त विकास:
- भारत की DRDO और रूस की NPO Mashinostroyeniya के बीच संयुक्त उद्यम (BrahMos Aerospace) द्वारा विकसित।
- नाम “BrahMos” दो नदियों ब्रह्मपुत्र (भारत) और मॉस्कवा (रूस) के नामों से मिलकर बना है।
प्रकार और प्लेटफॉर्म:
- क्रूज मिसाइल (Supersonic Ramjet आधारित)।
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: भूमि, जलपोत (जहाज), पनडुब्बी, और लड़ाकू विमान (Su-30MKI)।
गति और रेंज:
- गति: Mach 2.8–3.0 (ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना)।
- प्रारंभिक रेंज: 290 किमी → अब 800 किमी तक (MTCR सदस्यता के बाद विस्तार)।
सेवा में शामिल संस्करण:
- भूमि और समुद्र से लॉन्च संस्करण पहले से सेवा में।
- वायु-लॉन्च संस्करण (Su-30MKI से) 2019 में सेवा में शामिल।
निर्माण और स्वदेशीकरण:
- प्रारंभ में 65% हिस्से रूस से आते थे, अब 85% तक स्वदेशीकरण का लक्ष्य।
- Lucknow, Hyderabad, Thiruvananthapuram और Pilani में निर्माण इकाइयाँ।
- स्वदेशी सेकर, बूस्टर, और फ्यूल (−50°C तक काम करने वाला) का विकास।
प्रमुख परीक्षण और रिकॉर्ड:
- पहला परीक्षण: 12 जून 2001 (ITR, चांदीपुर)।
- 2009 में शहरी इलाके में टारगेट पहचान कर सटीक हमला किया – एकमात्र देश जिसकी मिसाइल में ऐसी क्षमता है।
- 2010 में विश्व रिकॉर्ड: सुपरसोनिक स्पीड में स्टेप-डाइव मोड में पहला सफल परीक्षण।
उन्नत संस्करण (Blocks):
- Block I: मूल संस्करण।
- Block II: उन्नत लक्ष्य पहचान क्षमता।
- Block III: उच्च गति पर बहु-मोड़ क्षमता और सटीकता – विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश में तैनाती के लिए।
नई परियोजना:
- BrahMos-II (Hypersonic missile) – Russia के 3M22 Zircon पर आधारित भविष्य की परियोजना।
- गति: संभावित रूप से Mach 6–8।
पाकिस्तान पर हमलों में भूमिका
2025 में भारत द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स में ब्रह्मोस मिसाइल ने केंद्रीय भूमिका निभाई। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई एयरबेस तबाह हुए, जिनमें कुछ पर पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार भी मौजूद थे। इससे वैश्विक चिंता उत्पन्न हुई और अमेरिका को हस्तक्षेप करना पड़ा।
2022 की घटना और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
2022 में गलती से एक ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में जा गिरी थी। तब पाकिस्तान ने दावा किया कि वे उसकी तकनीक को रिवर्स इंजीनियर कर लेंगे, लेकिन अब तक न उसे रोक पाए हैं और न उसकी तकनीकी समझ पा सके हैं।
लखनऊ ब्रह्मोस यूनिट: आत्मनिर्भर भारत की मिसाल
भारत के रक्षा मंत्री ने लखनऊ में ब्रह्मोस उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया है, जो हर साल 100–150 मिसाइलें तैयार करेगी। यह उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है, जो भारत के रक्षा निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है।
वैश्विक मांग और भविष्य
फिलीपींस, वियतनाम जैसे कई देश ब्रह्मोस में रुचि दिखा रहे हैं। इसके सटीक हमले, बहु-प्लेटफॉर्म क्षमता और उच्च गति इसे एक अत्याधुनिक विकल्प बनाते हैं। यह भारत की सैन्य क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देता है।
निष्कर्ष
ब्रह्मोस मिसाइल केवल एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी शक्ति और रणनीतिक सोच का प्रतीक बन चुकी है। पाकिस्तान में इसके प्रभाव ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत अब सिर्फ आत्मरक्षा नहीं करता, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर निर्णायक कार्रवाई करने में भी सक्षम है।
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